हिमाचल प्रदेश में कानून नहीं ‘पुष्पा का राज’ है – आम आदमी पार्टी हिमाचल में जंगलों की तस्करी को लेकर ‘आप’ ने जताई कड़ी आपत्ति

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हिमाचल प्रदेश में कानून नहीं ‘पुष्पा का राज’ है – आम आदमी पार्टी
हिमाचल में जंगलों की तस्करी को लेकर ‘आप’ ने जताई कड़ी आपत्ति
*नदियों / डैम में इकट्ठा हुए यह पेड़ हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार और कारस्तानियों की पोल खोल रहे हैं- आम आदमी पार्टी*
*कटे हुए पेड़ बता रहे हैं कि प्रदेश में कानून का नहीं बल्कि ‘पुष्पा’ जैसे तस्करों और माफियाओं का राज है – आम आदमी पार्टी*
जंगलों की तस्करी और भ्रष्टाचार पर आम आदमी पार्टी ने जताई कड़ी आपत्ति
हिमाचल प्रदेश इन दिनों प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त है। कई जिलों में बादल फटे, नदियों में बाढ़ आई और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने और नदियों में आई बाढ़ के चलते जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि प्रदेश की भ्रष्ट और लापरवाह कांग्रेस सरकार की असली तस्वीर को उजागर करती हैं। इस बार जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे केवल बारिश और आपदा की नहीं, बल्कि एक भ्रष्ट और लापरवाह शासन व्यवस्था की गवाही दे रही हैं।
पण्डोह डैम में इकट्ठा हुए हजारों पेड़ केवल बाढ़ की लहरें नहीं लाए, बल्कि प्रदेश में चल रहे जंगल तस्करी के संगठित नेटवर्क को भी उजागर कर गए। इन पेड़ों को देखकर साफ होता है कि यह सामान्य बाढ़ का परिणाम नहीं, बल्कि लंबे समय से सरकारी संरक्षण में चल रही अवैध कटाई का नतीजा है।ये पेड़ हिमाचल की हरियाली की लूट हैं, जिसे तस्कर सालों से अंजाम दे रहे हैं – और वह भी सरकारी संरक्षण में।
यह दृश्य केवल प्रकृति का प्रकोप नहीं, बल्कि कांग्रेस सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार की तस्वीर है।
यह पहला मौका नहीं है, जब हिमाचल में जंगलों की तस्करी उजागर हुई हो।
वर्ष 2023 में भी बादल फटने के बाद जलप्रलय में इसी तरह बड़ी संख्या में अवैध रूप से काटे गए पेड़ बहते हुए नजर आए थे।
यह स्पष्ट करता है कि हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से अधिक विनाश इन माफियाओं के कारण हो रहा है, जिन पर सरकार ने आंखें मूंद रखी हैं।
कांग्रेस सरकार में बैठे कुछ भ्रष्ट तंत्र और अफसरों की मिलीभगत से जंगलों की अवैध कटाई हिमाचल में एक उद्योग बन चुकी है। यह सब कुछ बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं हो सकता।
आम आदमी पार्टी यह पूछना चाहती है:
• क्या सरकार को इन कटे हुए हजारों पेड़ों की जानकारी नहीं थी?
• जब 2023 में भी बादल फटने और बाढ़ के दौरान अवैध कटान का मामला सामने आया था, तो उसके बाद क्या कोई ठोस कार्रवाई की गई?
• हर साल बरसात में ऐसे दृश्य सामने आते हैं, फिर भी माफिया बेलगाम क्यों हैं?
साफ है कि हिमाचल में आज जनता का नहीं, बल्कि ‘पुष्पा’ जैसे माफियाओं का राज चल रहा है – और कांग्रेस सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
पेड़ बता रहे हैं – “यहां कानून नहीं, ‘पुष्पा’ जैसे तस्करों का राज है!”
आम आदमी पार्टी मांग करती है कि:
• इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच करवाई जाए।
• अवैध कटान में लिप्त वन विभाग के अधिकारियों, तस्करों और राजनीतिक सरंक्षणदाताओं की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
• पर्यावरण संरक्षण के नाम पर सिर्फ कागजी योजनाएं नहीं, जमीनी स्तर पर जवाबदेही तय हो।
• प्रदेश में जंगलों की निगरानी के लिए स्वतंत्र वन निगरानी समिति का गठन हो, जिसमें स्थानीय समाजसेवियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाए।
हरियाली नहीं बची तो हिमाचल नहीं बचेगा!
हिमाचल की पहचान उसके पहाड़, जंगल और नदियाँ हैं। अगर इन पर माफिया और भ्रष्ट तंत्र का कब्जा रहा, तो आने वाली पीढ़ियों को केवल बंजर भूमि ही मिलेगी।
आम आदमी पार्टी हमेशा जनता के हित, पर्यावरण की सुरक्षा और भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े रहने का वादा करती है।
आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाती है कि हम इस ‘हरियाली तस्करी’ के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे और पर्यावरण संरक्षण की लड़ाई में जनता के साथ खड़े रहेंगे।
अब वक्त आ गया है कि हिमाचल की जनता इस ‘पुष्पा राज’ को खत्म कर, ईमानदार राजनीति को मौका दे।

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