राज्यपाल ने किया अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव की प्रथम सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ

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राज्यपाल ने किया अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव की प्रथम सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ
देसी चैनल कुल्लू
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव की प्रथम सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ करते हुए राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि जिला प्रशासन को राज्य के कलाकारों को ही यहां कर उत्सवों में मंच प्रदान करना चाहिये। उनकी दमदार प्रस्तुति राष्ट्रीय स्तर की है। इससे स्थानीय कलाकारों को मंच भी मिलेगा आउट सांस्कृती का संरक्षण भी होगा।लालचंद प्रार्थी कला केंद्र में आयोजित प्रथम सांस्कृतिक संध्या में लेडी गवर्नर श्रीमती जानकी शुक्ला भी उपस्थित थी।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से उन्हें भगवान रघुनाथ जी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा, “कुल्लू के दशहरा महोत्सव कितनी दृढ़ता के साथ लोगों को जोड़े हुए है। वह नज़ारा अद्भुत होता है जब सर्वाधिक नौजवान रघुनाथ जी के रथ की रस्सी को पकड़ कर खींचते हैं और यही भारत के जेन्ज़ी हैं, जो अपनी संस्कृति के पोषक हैं।” उन्होंने लोगों का आह्वान कि इसे केवल उत्सव तक सीमित न रखें बल्कि वाली पीढ़ियों तक भी लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि हिमाचल की पहचान देव संस्कृति है। साल भर लोग देवी-देवताओं के दर्शन के लिये हिमाचल आते हैं। और आज वह अवसर जब रघुनाथ जी की इस यात्रा के साथ-साथ कुल्लू दशहरा से अपने को जोड़ने के लिए 300 से अधिक देवता आते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष भी प्राकृतिक आपदा
ने राज्य को काफी नुकसान हुआ है। लोगों के घर व ज़मीन बह गई। लोगों को पुनः बसाने का काम अधिक चुनौतीपूर्ण है। इस बाबत, उन लोगों को जमीन उपलब्ध करवाने के लिये केंद्रीय वन मंत्री से भी बात की है। हाल ही में, धर्मशाला में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भी इस बारे में अवगत करवाया गया है। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस के माध्यम से भी आपदा प्रभावित लोगों की मदद की जा रही है। इस आपदा में उन्होंने लोगों के साहस की सराहना की।
श्री शुक्ल ने कहा कि नशे के खिलाफ वह अपने अभियान को जारी रखेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे संकल्प लें, “हिमाचल को बचाना है तो नशे को बघाना है।” उन्होंने कहा कि नशे की बुराई को दूर करने का काम करें, जिसमें भगवान रघुनाथ जी साहस देंगे।
अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव समिति के अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक श्री सुंदर सिंह ठाकुर ने राज्यपाल को सम्मानित किया। राज्यपाल का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि जिले में प्राकृतिक आपदा के बावजूद प्रशासन और आम लोगों के उत्साह से इस महोत्सव का आयोजन संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि कल्लू की देव संस्कृति विश्व विख्यात है और यहां के लोगों ने इस संस्कृति को सहेजकर रखा है। उन्होंने युवाओं का आह्वाहन किया कि वे नशे से दूर रहना चाहते हैं तो खेलों को जीवन में अपनाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि इसी के दृष्टिगत 15 अक्टूबर को कुल्लू जिले में एक रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है।
श्री ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का अधिकांश भौगोलिक क्षेत्र वन भूमि के अंतर्गत आता है। प्राकृतिक आपदा में लोगों की जमीनें बह गई उन्हें पुनर्स्थापित करने के लिए वन भूमि उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा। उन्होंने विपक्ष से भी आग्रह किया कि वह इस कार्य में सहयोग करें।
इससे पूर्व, कुल्लू की उपयुक्त श्रीमती तोरूल एस. रवीश ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने दशहरा महोत्सव की विभिन्न सांस्कृतिक संध्याओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले में आई प्राकृतिक आपदा की दृष्टिगत इस वर्ष प्रशासन ने महोत्सव को सादगी से मनाने का निर्णय लिया है तथा स्थानीय कलाकारों को ही प्राथमिकता दी गई है।
बंजार के विधायक श्री सुरेंदर शौरी, राज्यपाल के सचिव श्री सी. पी. वर्मा, पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन कोकुलचंद्रन, जिला प्रशासन के अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे

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