बंजार विधानसभा का लोअर बंदल गांव आपदा की भेंट – 30 परिवार बेघर, सरकार व प्रशासन नदारद।

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बंजार विधानसभा का लोअर बंदल गांव आपदा की भेंट – 30 परिवार बेघर, सरकार व प्रशासन नदारद।
देसी चैनल कुल्लू
बंजार विधानसभा क्षेत्र की सरची पंचायत के लोअर बंदल गांव पर आई आपदा ने पूरे गांव को तबाह कर दिया है। इस आपदा में करीब 30 परिवार पूरी तरह बेघर हो गए हैं, जबकि कई घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। गांव की जमीन भी धंसने से पूरी तरह नष्ट हो गई है, जिससे प्रभावित परिवारों के सामने विस्थापन की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है।
गंभीर स्थिति के बावजूद जिला व स्थानीय प्रशासन अभी तक प्रभावित परिवारों तक नहीं पहुँचा है। विधायक सुरेंद्र शौरी स्वयं पैदल गुशैणी से लोअर बंदल पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया। उन्होंने सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि आपदा के ढाई हफ्ते बाद भी प्रभावितों को कोई मदद नहीं मिली है।
विधायक शौरी ने कहा कि “प्रदेश की सुक्खू सरकार असंवेदनशीलता की सारी हदें पार कर रही है। लोअर बंदल गांव पूरी तरह आपदा की चपेट में है। लोग बेघर हैं, उनके पास खाने तक की दिक़्क़त है, लेकिन न तो एसडीएम, न तहसीलदार और न ही नायब तहसीलदार यहां पहुँचे हैं।”
स्थानीय लोगों ने भी साफ शब्दों में कहा कि अब तक ना तो प्रशासनिक अधिकारी और ना ही प्रदेश सरकार का कोई मंत्री उनके पास हाल जानने आया है। उपायुक्त कुल्लू सिर्फ गुशैणी बाजार तक पहुँचीं, लेकिन वहां न तो प्रभावित लोग मौजूद थे और न ही पंचायत प्रतिनिधि।
सरची पंचायत की प्रधान श्रीमती रामेश्वरी ठाकुर ने बताया कि पंचायत में सबसे ज़्यादा नुकसान लोअर बंदल गांव को हुआ है, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि “कुल 36 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 30 मकान लोअर बंदल में पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। कई परिवार ऐसे भी हैं जिनकी जमीन ही बह गई है। अब उनके पास घर बनाने को जगह तक नहीं बची।”
प्रधान ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने पंचायत के लगातार आग्रह के बावजूद अब तक जियोलॉजिकल सर्वे रिपोर्ट तक साझा नहीं की। उन्होंने मांग की कि सरकार प्रभावित परिवारों को तुरंत वैकल्पिक ज़मीन उपलब्ध कराए और राहत कार्यों में तेजी लाए।
गांव के लोग इस आपदा से गहरे सदमे में हैं। उनका कहना है कि पिछले दो हफ्तों से वे मानो गुमशुदगी की ज़िंदगी जी रहे हैं। न तो कोई अधिकारी, न कोई मंत्री और न ही स्वयं मुख्यमंत्री हालात का जायज़ा लेने पहुँचे हैं। लोग रो-रो कर अपनी व्यथा सुना रहे हैं और सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
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